हर एक भारतीय के लिए सादगी एवं संघर्षपूर्ण जीवन का आदर्श थे डॉ कलाम – शिवशक्ति शर्मा

भण्डाफोर ब्यूरो-
दुर्गेश वर्मा की रिपोर्ट-

शोहरतगढ, सिद्धार्थनगर । शोहरतगढ में स्थित टीचर कालोनी में पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन स्वo डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जी की जयन्ती पर उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया ।इस दौरान सम्बोधित करते हुए एबीवीपी के पूर्व प्रदेश सहमंत्री एवं पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष शोहरतगढ शिवशक्ति शर्मा ने पूर्व राष्ट्रपति एवं युवाओं के प्रेरणा भारत रत्न प्राप्त स्वo एपीजे अब्दुल कलाम साहब के बारे में कहा कि। इनका जन्म आज के ही दिन 15 अक्टूबर सन् 1931 तमिलनाडु के रामेश्वरम जिले में हुआ था। इनका पूरा नाम अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। आमतौर पर इन्हें लोग डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम नाम से जानते हैं । अब्दुल कलाम, भारत देश के 11 वें राष्ट्रपति (2002-2007) थे। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम वर्ष 2002 में लक्ष्मी सहगल के खिलाफ राष्ट्रपति चुने गए थे। इन्हें भारत के दो प्रमुख राजनीतिक दल, भारतीय जनता पार्टी और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से पूरा समर्थन मिला था। वह मुख्य रूप से एक भारतीय वैज्ञानिक और प्रशासक थे। इसी क्रम में धर्मजागरण सह नगर प्रमुख विरेन्द्र गुप्ता ने कहा कि भारत के राष्ट्रपति बनने से पहले, डॉ. ए.पी.जे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ एयरोस्पेस इंजीनियर के रूप में काम किया था। प्रक्षेपण यान और बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी के विकास पर कार्य करने के कारण उनको ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ नाम की उपाधि दी गई। वर्ष 1974 में प्रारम्भिक परमाणु परीक्षण के बाद वर्ष 1998 में भारत में किए गए पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षणों ने उनकी भूमिका को एक महत्वपूर्ण राजनीतिक, संगठनात्मक और तकनीकी रूप में सर्वाधिक उजागर किया।इस दौरान विष्णु कुमार सिंह, मनमोहन पाण्डेय, रवि मिश्रा व सूरज पाण्डेय उपस्थित रहें।

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