भण्डाफोर ब्यूरो –
(दूसरी बार मामले की पड़ताल करके लौटी भण्डाफोर की टीम
पवन पटेल के साथ गुड्डु पटेल, धर्मेन्द्र चौधरी की संयुक्त रिपोर्ट-)
*जाने क्या है पूरा मामला-
*आग लगी या लगाई गई- गांव में लोगों के बीच दो तरह की चर्चा?
- हाई कोर्ट इलाहाबाद में याचिकाकर्ता गोरख चौधरी की माने तो माननीय हाईकोर्ट के आदेश का प्रशासन पालन न कर सकें इसलिए चंद लोगों द्वारा आग लगाई गई ।बनाई गई विवादित स्थिति।
*कुछ लोगों का मत – आग अज्ञात कारणों से लगी। जबकि अतिक्रमणकर्ता के परिजन द्वारा पूर्व में दिए गए भण्डाफोर को बयान के मुताबिक आग लगने के जिम्मेदार प्रशासन के लोग।
- क्या आगजनी की घटना के बाद जिम्मेदार तहसील प्रशासन कथितरूप से पी.डब्ल्यू.डी. व नहर की जमीन पर बने मकान व अन्य तरीके से किए गए अतिक्रमण को हटाने में सफल हो पाएगा?
- भण्डाफोर को मिला आगजनी की घटना के दिन दिनांक 24/03/ 2021 का वह वीडियो, जिसमें उग्र ग्रामीणों की भीड़ पुलिस पर जानलेवा हमला करने को आमादा है। प्रकरण के याचिका कर्ता का भण्डाफोर ने किया साक्षात्कार ,मिली प्रकरण से संबंधित दूसरे पहलू की जानकारी ।
*कुल मिलाकर अपनी स्थिति ज्यों -की- त्यों बरकरार ,आगजनी से अतिक्रमणयुक्त झोपड़ी तो जल गई ,फिर भी अतिक्रमण आज भी है बरकरार।
- यदि स्थिति ऐसी है तो माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के प्रश्न गत अतिक्रमण से संबंधित आदेश का अनुपालन कैसे कर पायेंगा तहसील प्रशासन शोहरतगढ ,सिद्धार्थनगर ?
- यक्ष प्रश्न आज भी बरकरार!