बाढ़ से आहत लोगों से मिली राहत – समाजसेवी एवं अधिवक्ता नगेंद्र कुमार ने बाढ़ पीड़ितों के मध्य पहुंचकर लोगों में बांटा भोजन का पैकेट।

भण्डाफोर समाचार-
प्रेम सैनी की ग्राउंड रिपोर्ट

जनपद के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता एवं समाजसेवी शोहरतगढ़ निवासी नगेंद्र कुमार श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू भैया के नेतृत्व में जनपद के शोहरतगढ़ तहसील अंतर्गत स्थित ग्राम खैरी शीतल प्रसाद व उनके अन्य दो टोलों में नाव के द्वारा भोजन को लोगों के बीच वितरण किया गया।

ग्राम खैरी शीतल प्रसाद व उनके अन्य दो टोलों में नाव के द्वारा भोजन को लोगों के बीच वितरण

बताते चलें जनपद सिद्धार्थनगर के बढ़नी विकास खण्ड अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत खैरी शीतल प्रसाद विगत कई दिनों से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है ।

अधिवक्ता एवं समाजसेवी शोहरतगढ़ निवासी नगेंद्र कुमार श्रीवास्तव उर्फ गुड्डू भैया

इस तरफ न तो शासन का ध्यान है, न ही प्रशासन के लोगों का ,न विधायक न सांसद का, चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे इस ग्राम पंचायत के लोगों की बदतर स्थिति यह है, कि गांव के लोग जान जोखिम में डालकर बड़ी मुश्किल से अपनी जरूरत की चीजों को लेने तुलसियापुर , सिसवां,बढ़नी, शोहरतगढ़ को जाते हैं। ऐसे बाढ़ से अभाव ग्रस्त गांव की ओर अधिवक्ता नगेंद्र कुमार का ध्यान गया और उन्होंने सबके हाथ, सबके साथ, बैनर तले नगर पंचायत शोहरतगढ़ के लोगो के द्वारा तैयार की गयी भोजन सामग्री(लाई,पानी, बिस्कुट व पूड़ी ,सब्जी पराठा आदि)को तैयार किये जाने की स्थित में राम जानकी मन्दिर मे इकट्ठा कर उन्होने अपने सहयोगियों के साथ ले जाकर ग्राम खैरीशीतल प्रसाद मेअपने सहयोगीयो के साथ ( जिसमें अर्जुन,श्रवण पटवा (पत्रकार) गुड्डू उपाध्याय, रवि सिंह आदि )के सहयोग से भूखे- प्यासे लोगो के बीच नाव के द्वारा भोजन का पैकेट व अन्य सामग्री को पहुंचाया जो कि एक निहायत सराहनीय कार्य है।

ज्ञातव्य हो, अधिवक्ता नरेंद्र कुमार सबके साथ ,सबके हाथ, बैनर के तले कोई दैवीय आपदा हो या फिर भीषण ठंडक में लोगों तक लोगों के द्वारा इकट्ठा किए गए वस्त्रों को पहुंचाने का कार्य अपने सहयोगियों के माध्यम से प्रत्येक वर्ष करते रहें हैं ।ऐसे समाज हितकारी कार्यों को करने का सबके हाथ, सबके साथ, बैनर तले करने का एक सनद रहा है। यहां तक बाढ़- पीड़ितों की बात है काश!

बाढ़- पीड़ितों

इसी तरह अपने आप को समाजसेवी होने का दावा करने वाले लोग व जनप्रतिनिधि अपनी कोशिश में जुट जाते तो बाढ़ से जूझ रहे लोगो का दु:ख ,दर्द,भूख -प्यास मिटाया जा सकता था ।

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