सड़क दुर्घटना में 3 लोगों की दर्दनाक मौत पर शोहरतगढ़ में पटाखा फोड़ी, जश्न मनाया… उसकी चर्चा सोसल मीडिया पर हुआ वायरल !

भण्डाफोर ब्यूरो-

राजेश चौधरी की रिपोर्ट-

शोहरतगढ, सिद्धार्थनगर । एक तरफ इतने दर्दनाक हादसे से लोग दुखी दिखे पूरा सर्व समाज इस हादसे से सदमें में दिखे तो कुछ अराजक तत्वों ने शोहरतगढ नगर के अंदर पटाखे फोड़े, यह बात लोगों को हजम नहीं हो रही है, आखिरकार ऐसे समाज विद्रोहियों को समाज बहिष्कार क्यों नहीं करता है। नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। सर्व समाज के लिए इस दुख के क्षण में किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा पटाखे फोड़ने जैसा घृणित कार्य बडे शर्म की बात है। ऐसे लोगों से समाज को दूरी बना लेनी चाहिए। ऐसे लोग किसी के भी हित नहीं हो सकते हैं, जिनके अंदर सामाजिक अनुभूति नाम की कोई चीज नहीं है, उसको समाज में रहने का भी कोई अधिक नहीं है। वो इंसान नहीं शैतान हैं। आखिर कौन थे वो लोग जो शोहरतगढ में तीन दर्दनाक मौतों व इतने बड़े हादसे पर, नगर में मंगलवार रात लगभग 8 बजे फोड़े पटाखे, इन लोगों का होना चाहिए सामाजिक बहिष्कार।”

विदित हो कि 14 दिसम्बर यानी मंगलवार को दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक सफेद रंग की स्कॉर्पियो (यूपी-55-एक्स-0111) आगरा से नोएडा जा रही थी, इसी बीच ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर रामपुर बांगर पुल के पास नोएडा की तरफ से आ रहे अनियंत्रित डंपर (एचआर-55-डब्लू-2474) ने डिवाइडर तोड़कर शोहरतगढ़ चैयरमैन प्रतिनिधि हियुवा सुभाष गुप्ता के स्कॉर्पियो को सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कॉर्पियो बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जिसमें शोहरतगढ़ चैयरमैन पुत्री रिंकी (22 साल) पुत्री सुभाष गुप्ता, अनीता (38 साल) पत्नी बैजनाथ और ड्राइवर पवन दुबे (28 साल) की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी, जबकि रिंकी गुप्ता के पिता चैयरमैन प्रतिनिधि हियुवा सुभाष गुप्ता (55 साल) और सुमन (22 साल) पुत्री भोलानाथ गुप्ता को जेवर पुलिस की मदद से स्कॉर्पियो से बाहर निकाला गया। आनन फानन में उन्हें निकट के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीएम के बाद 15 दिसम्बर को तीनों लोगों का पार्थिव शरीर शोहरतगढ़ के लिए लाया गया, जिनका अंतिम संस्कार बानगंगा घाट पर कर दिया गया।

*अब सवाल यह है की सड़क दुर्घटना में हुई दर्दनाक मौत पर जश्न मनाने वाले लोगों का सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए या नहीं?

*क्या जिन लोगों ने हृदयविदारक दर्दनाक घटना पर जश्न मनाया क्या वह अमृत पीकर आए हैं?

*क्या उनके परिवार में या उनके सगे संबंधियों में इस तरह की घटना नहीं हो सकती?  जैसे कई सवाल हैं जो लोगों के जेहन में गूंज रहे हैं।

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