हिन्दू युवा वाहिनी देवी पाटन मण्डल प्रभारी सुबाष गुप्ता का देहान्त !

भण्डाफोर ब्यूरो-
*राजेश चौधरी के साथ प्रमोद पटेल की रिपोर्ट-

*सुबाष गुप्ता की मौत से समूचे जनामस स्तब्ध !
*मौत की खबर समूचे जनपद में फैली सनसनी ।
*देखते- ही- देखते नगर पंचायत शोहरतगढ़ में छाया सन्नाटा ।
*नगर पंचायत शोहरतगढ़ को नेतृत्व विहीन कर गए सुबास गुप्ता

प्रदेश हिंदू वाहिनी के देवीपाटन मंडल के प्रभारी व प्रखर हिंदूवादी नेता सुभाष गुप्ता अन्ततः एक पखवारे तक मौत से संघर्ष करते हुए आज मंगलवार को अपरान्ह तीन बजे दम तोड़ दिया। गत 15 दिसम्बर को ग्रेटर नोएडा में उनके वाहन का एक्सीडेंट हुआ था,जिसमें उनके चालक समेत उनके तीन परिजनों की मौत हुई थी और वे गंभीर रूप से घायल हो गये थे। वे 58 साल के थे। उनके पांच बेटे बेटियां हैं।उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा था।

बताया जाता है कि दुर्घटना में घायल सुभाष गुप्ता को बचाने के अथक प्रयास एक पखवारे से चल रहा था। मगर उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। बताते हैं कि मंगलवार की सुबह अचानक उनकी हालत बिगड़ी एम्स के डाक्टरों ने काफी कोशिश की, मगर दोपह बाद लगभग तीन बजे अचानक उनकी सांसें ठहर गईं और डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


सुभाष गुप्ता के निधन का समाचार मिलते ही शोहरतगढ़ टाउन में कोहराम मच गया। लोग जाति धर्म, राजनीति की बाधाएं तोड़ कर उनके आवास की ओर दौड़ पड़े। देखते ही देखते उनके आवास पर हुजूम लग गया और बानगंगा तिराहा जाम हो गया। वहां हजारों आखें नम थीं। उनके कई समर्थक रो रहे थे। परिवार में कोहराम मचा हुआ था। परिजनों की चीखें लोगों का कलेजा फाड़ रही थीं।

उनकी मौत की खबर पर सबसे पहले सपा नेता व पूर्व प्रत्याशी उग्रसेन सिंह उनके आवास पर पहुंचे और संवेदना व्यक्त करने का फर्ज निभाया और कहा कि भले ही उनके राजनीतिक मतभेद रहे हों, लेकिन सुभाष जी विकास को लेकर सदा चिंतित रहने वाले सियासतदान थे। उनकी मौत से सभी को सदमा लगा है।

सुभाष गुप्ता एक कुशल संगठक थे।हिंदू युवा वाहिनी के गठन के समय से ही संगठन में थे। उन्होंने जिले में मजबूत बनाने का काम किया था। उन्होंने एक दशक के पूर्व ही अही अपनी पत्नीं को नगर पंचायत का अध्यक्ष पद जिताया था। तब से आज तक वही जीत रही हैं और बहैसियत चेयरमैन प्रतिनिधि सुभाष गुप्ता सारा काम देख रहे थे। वे हिंदू हितों के प्रति हमेशा सचेत रहते और संघर्ष करते रहते थे। इसी कारण संगठन के संरक्षक और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के वे काफी करीबी माने जाते थे।

दरअसल सुभाष गुप्ता के छोटे भाई बीमार थे औरदिल्ली में अस्पताल में एडमिट थे। गत १५ दिसम्बर को उन्हीं को देखने वेदिल्ली से जा रहे थे। मगर वे नोएडा तक ही पहुंचे थे कि जेवर के करीब उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया जिसमें उनकी पुत्री पिंकी, उनकी अनुज बहू व चालक पवन की मौत हो गई थी तथा स्वयं सुभाष गुप्ता गंभीर रूप से घायल हो गये थे।फिलहाल घटना की खबर पाकर दर्जनों लोग लाश लाने के लिए दिल्ली रवाना हो गए हैं। यहां परिवार में रुदन चरम पर है तथा उनके आवास पर संवेदना व्यक्त करने वालों की भीड़ बढ़ती ही जा रही थी।

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