भण्डाफोर ब्यूरो –
पवन पटेल की रिपोर्ट –
सिद्धार्थनगर। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा देने के लिए एकल शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है। इसके माध्यम से समाज को शिक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाई जा रही है।
भारत लोक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित एकल शिक्षा अभियान के केंद्रीय सदस्य, संभाग प्रभारी और राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्रधानाचार्य चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव ने कही। वह मुख्यालय से सटे सेमरनार गांव में स्थित कार्यालय पर अंचल (जिला) कार्यकारिणी समिति के गठन उपरांत शपथ ग्रहण समारोह एवं विचार संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक स्कूल, एक शिक्षक के तर्ज की वजह से इसे एकल विद्यालय कहा जाता है। अभियान अंतर्गत जिले में भी 360 एकल विद्यालय संचालित हैं। अंचल प्रभारी ओम प्रकाश ने बताया कि विभिन्न आयाम के तहत प्राथमिक शिक्षा, बच्चों के अतिरिक्त अभिभावकों एवं ग्रामवासियों को स्वास्थ्य, शिक्षा एवं नियमित सफाई रखने की पद्धति से अवगत कराने, ग्रामवासियों को कृषि, वन संरक्षण, पौधरोपण, जैविक खाद प्रयारेग, गो मूत्र से कीट नियंत्रण, जल संरक्षण, फल सब्जी उत्पादन का प्रशिक्षण, शासकीय योजनाओं से अवगत कराने, ग्रामवासियों और बच्चों को संस्कार शिक्षा प्रदान करना है। इससे पूर्व नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ दिलाई गई। इनमें अध्यक्ष शेषराम गौड़, उपाध्यक्ष सिद्धार्थ गौतम, सचिव जगदीश कसौंधन, संगठन सचिव अरुण त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह, कार्यालय प्रभारी शिव कुमार गुप्ता, कार्यक्रम प्रभारी संतोष श्रीवास्तव, आरोग्य शिक्षा प्रभारी डॉ. आरपी मिश्रा, संस्कार शिक्षा प्रभारी अपूर्व श्रीवास्तव, कार्यकर्ता विभाग प्रभारी डॉ. केशव कुमार श्रीवास्तव शामिल रहे। संजीव कुमार जायसवाल, अमरीश श्रीवास्तव, सीमा, अंजू आदि की उपस्थिति रही।