सिद्धार्थनगर के शिक्षकों द्वारा पेंशन एवं आकांक्षी जिले से स्थानांतरण को लेकर सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को दिया ज्ञापन एवं मिला आश्वासन –

ण्डाफोर ब्यूरो –
शशि कुमार यादव की रिपोर्ट-

केन्द्र सरकार की नौकरियों में 1 जनवरी2004 से और राज्य सरकार की नौकरियों मे 1 अप्रैल 2005 के बाद सरकारी सेवा में आने वाले सभी विभागों के कार्मिकों को रिटायरमेंट के बाद भरण पोषण के लिए मिलने वाली गारंटेड पेंशन को बंद करके उसके स्थान पर शेयर बाजार आधारित नई अंशदाई पेंशन योजना लागू की गई है ।

विगत कुछ वर्षों में इस योजना के तहत रिटायर कार्मिकों को 1000 से 2000 तक पेंशन मिल रही है, इतनी कम पेंशन में बुढ़ापा काटना कितना दुष्कर है यह सभी को मालूम है।देश की सरकार द्वारा संविधान में वर्णित लोककल्याणकारी राज्य की अवधारणा के विपरीत देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों एवं स्थानों का बहुत तेजी के साथ निजीकरण किया जा रहा है।


जनसंख्या के सापेक्ष सार्वजनिक क्षेत्र की सेवाएं पहले से ही कम हैं उनकी क्षमता बढ़ाने के बजाय उन्हें बेचा जा रहा है इससे भविष्य में देश पर निजी क्षेत्र के उद्योगपतियों का नियंत्रण बढ़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है ।

प्रदेश के लगभग 15 लाख पुरानी पेंशन से वंचित सरकारी कर्मचारियों को बुढ़ापे में मिलने वाली पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग प्रदेश स्तर पर किया जा रहा हैं।विगत बरसों से आकांक्षी जिले से स्थानांतरण नहीं हुई जिसको लेकर शिक्षकों के द्वारा सपा के प्रदेश अध्यक्ष उतम पटेल को किसान नौजवान पटेल यात्रा के दौरान जनपद सिद्धार्थनगर के शोहरतगढ में उस समय दिया गया जबकि स्कालर पब्लिक स्कूल में पटेल पद यात्रा का कार्यक्रम कर रहे थे । ज्ञापन देने वाले शिक्षको के नाम कुछ इस प्रकार हैं।

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