भण्डाफोर संवाददाता
नयी दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डॉक्टरों के एक पैनल ने ये साफ कर दिया है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की हत्या नहीं हुई थी। यह आत्महत्या का मामला है। पैनल ने अभिनेता के परिवार और उनके वकीलों की उस थ्योरी को खारिज कर दिया है कि उन्हें जहर दिया गया था और गला दबाकर मारा गया था।
न्यूज चैनल एनडीटीवी ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। दरअसल मुताबिक इस थ्यौरी पर काफी दिनों से बहस चल रही थी। यहां तक की बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इसे मुद्दा बना दिया था। बता दें कि 34 वर्षीय फिल्म स्टार 14 जून को अपने मुंबई स्थित अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। मुंबई पुलिस ने शव परीक्षण के आधार पर इसे आत्महत्या का मामला करार दिया था। लेकिन सोशल मीडिया पर लगे आरोपों, सुशांत को न्याय दिलाने के लिए चलाए गए अभियानों और राजपूत परिवार के संदेह के आरोपों के बाद ये मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों के मुताबिक एम्स पैनल ने अपनी जांच पूरी कर ली है और सीबीआई को अपनी चिकित्सीय-कानूनी राय देने के बाद फाइल बंद कर दी है। अब सीबीआई उस रिपोर्ट के साथ अपनी जांच की कड़ियों को जोड़ रही है। सूत्रों ने बताया कि अब सीबीआई अभिनेता की मौत का एंगल आत्महत्या पर रख सकती है और उसके मुताबिक आगे जांच कर सकती है। मुंबई पुलिस ने भी मूल रूप से इसे आत्महत्या का केस ही मानकर जांच शुरू की थी।
सूत्रों ने बताया कि एम्स पैनल ने मुंबई के उस अस्पताल की राय पर अपनी सहमति जाहिर की है, जिसने अभिनेता का पोस्टमार्टम किया था। मुंबई के अस्पताल ने शव परीक्षण रिपोर्ट में मौत के कारण के रूप में ” फांसी के कारण श्वास अवरोध” का जिक्र किया था। सूत्र बता रहे हैं कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य से भी लगता है कि अभिनेता ने आत्महत्या की है, उनकी हत्या नहीं हुई है। राजपूत के मित्रों और परिवार के सदस्यों ने कहा था कि वो आत्महत्या नहीं कर सकते हैं।