भण्डाफोर ब्यूरो-
आदर्श पटेल की रिपोर्ट-
बाँसी, सिद्धार्थनगर । आजादी के महानायक रहे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के 125 जन्मदिवस पर जगह-जगह कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। दिनांक 20-02-2021 दिन-शनिवार को सर्वप्रथम मित्र संघ जिला ईकाई सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव के नेतृत्व में अपने लोगो की सहयोग से करही चौराहे से लेकर तिगोड़ावा चौराहे तक पद यात्रा को सम्बोधित करते हुए निकाली रैली। समस्त लोग करही चौराहे पर एकत्र हुए।
और मित्र संघ जिला ईकाई सिद्धार्थनगर के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव अपने लोगो को नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के बारे में बताया, कहा की हमारे नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी सन् 1897 को ओड़िशा के कटक शहर में हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माँ का नाम प्रभावती था। जानकीनाथ बोस कटक शहर के मशहूर वकील थे। पहले वे सरकारी वकील थे मगर बाद में उन्होंने निजी प्रैक्टिस शुरू कर दी थी। उन्होंने कटक की महापालिका में लम्बे समय तक काम किया था और वे बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रहे थे। अंग्रेज़ सरकार ने उन्हें रायबहादुर का खिताब दिया था। प्रभावती देवी के पिता का नाम गंगानारायण दत्त था। दत्त परिवार को कोलकाता का एक कुलीन परिवार माना जाता था। प्रभावती और जानकीनाथ बोस की कुल मिलाकर 14 सन्तानें थी जिसमें 6 बेटियाँ और 8 बेटे थे। सुभाष उनकी नौवीं सन्तान और पाँचवें बेटे थे। अपने सभी भाइयों में से सुभाष को सबसे अधिक लगाव शरद चन्द्र से था। शरदबाबू प्रभावती और जानकीनाथ के दूसरे बेटे थे। सुभाष उन्हें मेजदा कहते थे। शरदबाबू की पत्नी का नाम विभावती था।
इसी तरह लोगो को बताते हुए नेताजी सुभाषचन्द्र बोस नमन किया और पद यात्रा को करही चौराहे से लेकर तिगोड़ावा चौराहे तक पद यात्रा को सफल बनाया ।