भण्डाफोर ब्यूरो-
राजेश चौधरी के साथ दुर्गेश गुप्ता की रिपोर्ट-
शोहरतगढ़, सिद्धार्थनगर । छठ पूजा का त्योहार भारत के उत्तर-पूर्व राज्यों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक इस साल छठ पूजा 18 नवंबर, बुधवार से लेकर 21 नवंबर, शनिवार तक मनाई जा रही है। जबकि हिंदू पंचांग के अनुसार परम पावन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक छठ पूजा मनाई जाती है।
- छठ को महापर्व की संज्ञा दी जाती है। कहते हैं कि यह आस्था और श्रद्धा का सबसे खास त्योहार है। इसलिए इसके प्रति लोगों में बहुत अधिक विश्वास है। दुनियाभर में प्रवासी बिहारी अपने-अपने क्षेत्रों के नजदीकी घाटों पर जाकर भावों सहित छठ पूजा का त्योहार मनाते हैं। इस त्योहार का लोग सालभर इंतजार करते हैं और छठ पूजा आने पर पूरी श्रद्धा से रीति-रिवाज निभाते हैं।
*इस दौरान सूर्य भगवान और छठी मइया की पूजा-अर्चना का खास महत्व माना जाता है। छठ महापर्व का महत्व बहुत अधिक माना जाता है। छठ व्रत सूर्य भगवान, प्रकृति, उषा, जल और वायु को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि छठ पूजा के दिन व्रत रखने से श्रद्धा और विश्वास से रखने से नि:संतान स्त्रियों को संतान की प्राप्ति होती है।
*कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्टी तिथि के दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। फिर व्रती अपने घर पर बनाए पकवानों और पूजन सामग्री लेकर आसपास के घाटों पर जाते हैं। घाट पर ईख का घर बनाकर बड़ा दीपक जलाएं। इसके बाद व्रती घाट में स्नान करते हैं और पानी में रहते हुए ही ढलते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। फिर घरजाकर सूर्य भगवान का ध्यान करते हुए रात भर जागरण करें इसमें छठी माता के प्राचीन गीत गाए जाते हैं। सप्तमी तिथि यानी व्रत के चौथे और आखिरी दिन सूर्य उगने से पहले घाट पर पहुंचें। इस दौरान अपने साथ पकवानों की टोकरियां, नारियल और फल भी रखें। उगते हुए सूर्य को जल श्रद्धा से अर्घ्य दें। छठ व्रत की कथा सुनें और प्रसाद बांटे। आखिर में व्रती प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोलें।
छठ पूजा का मुहूर्त-
20 नवंबर, शुक्रवार – संध्या अर्घ्य सूर्यास्त का समय 05 बजकर 25 मिनट पर
21 नवंबर, शनिवार – उषा अर्घ्य सूर्योदय का समय 06 बजकर 48 मिनट पर
भगवान भास्कर के उपासना के पर्व छठ पूजा के अवसर पर बाई पास मार्ग नगर पंचायत शोहरतगढ़ के आदर्श शिव बाबा घाट पर शुक्रवार को शाम भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजन अर्चन की सामग्री के साथ उपस्थित होकर छठ माता की पूजन अर्चन किया। सभी लोगों को पूजा कार्यक्रम स्थल पर कोविड -19 का पालन करते हुए मुँह नाक पर मास्क लगाने और सोशल डिस्टनसिंग के पालन करने की अपील होती रही। नगर पंचायत प्रशासन की ओर से छठ पूजा घाट पर लोगों को आवश्यकता अनुसार मास्क वितरण के साथ साथ सेनिटाइजर की व्यवस्था भी कोरोना वायरस बचाव के लिए किया गया।
भैया दूज के दूसरे दिन शुरू होने वाले चार दिवसीय छठ पर्व के दौरान घाट को नगर पंचायत प्रशासन द्वारा नगर अध्यक्ष बबिता कसौधन की देख रेख में वेदियों के निर्माण, पोखरा घाट को आकर्षक ढंग से सजाने के साथ साथ साफ़ सफाई व्यवस्था पर विशेष ध्यान रहा। घाट की सुंदरता, आकर्षक ,सुसज्जित व व्यस्थित दृश्य से हर कोई प्रभावित रहा। नगर विस्तार सीमा से शामिल हुए गड़ाकुल गांव के पोखरा तट की भी साफसफाई नगर पंचायत प्रशासन ने कराया, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। घाट स्थल व आस पास का क्षेत्र छठी मईया के गीतों से भक्तिमय रहा। श्रद्धालुओं ने अस्तलचामी सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन अर्चन करते हुए अपनी मुरादे मांगी। अर्घ्य देते समय पूरा घाट छठ माता की जय जयकार से गूंज उठा। विधि विधान से छठ माता के पूजन के लिए नगर के भारी संख्या में श्रद्धालु दोपहर के समय से ही डाल सजाकर , ढोल नगाड़ा ,गाजा बाजा के साथ घाट पर इकट्ठा हुए। छठ पूजा कार्यक्रम का सुचारू रूप से संचालन हियुवा नेता व नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि सुभाष गुप्ता ने किया।
छठ पूजा कार्यक्रम के दौरान नगर पंचायत के हजारों लोग मौजू रहे सभी लोग अपनी-अपनी व्यवस्था में जुटे रहे। उसके अलावा उपजिलाधिकारी शिव मूर्ति सिंह , तहसीलदार धर्मवीर भारती, पुलिस क्षेत्राधिकारी राणा महेंद्र प्रताप सिंह, सबइंस्पेक्टर विक्रम अजीत राय, थानाध्यक्ष राजेन्द्र बहादुर सिंह सुरक्षा जवानों के तैनात रहे। निशा, संध्या समेत दर्जनों महिला पुलिस कर्मी भी घाट पर सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में योगदान देने में जुटी रहीं।